दोस्ती

गुज़र चुके हैं जुनून-ए-इश्क़ से कई बार मगर दोस्ती का सुकून बरसों बाद मिला है अंगारों पर चल-चलकर जो ज़ख़्म बटोरे थे आज एक अरसे बाद उनपर मरहम लगा है