यह दुनिया न हुई
भेड़ों की जमात हो गई,
कि सबको एक तरफ़
धकेले जा रही है ।
हैं रहनुमा जालसाज़,
किया है भेड़ियों का इंतज़ाम–
कि भटके अगर कोई भेड़
भूलके या जानके,
सज़ा होगी उसको एक
चढ़ेगी घाट मौत के ।
यह दुनिया नहीं आज़ाद दोस्तों,
यह तो बस है भेड़ों की एक जमात दोस्तों ।
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