ज़रूर दिल में मेरे अभी भी आस थोड़ी बाक़ी है
तभी तो इस जिस्म में अभी तक साँस मेरी बाक़ी है
जा रहे हैं दूर जिसे दोज़ख समझके हम
क्या उस ज़मीन पे जन्नत पाने की चाह अभी बाक़ी है ?
ज़रूर दिल में मेरे अभी भी आस थोड़ी बाक़ी है
तभी तो इस जिस्म में अभी तक साँस मेरी बाक़ी है
आ रही हैं मेरे पीछे आहटें क़दमों की जिसके
क्या उसके दिल में मेरे लिए प्यार अभी बाक़ी है ?
ज़रूर दिल में मेरे अभी भी आस थोड़ी बाक़ी है
तभी तो इस जिस्म में अभी तक साँस थोड़ी बाक़ी है
है इंसान में तब तक अपनी दुनिया बदलने की क़ूवत
कि जब तक उसके दिल में आह थोड़ी बाक़ी है
ज़रूर दिल में मेरे अभी भी आस थोड़ी बाक़ी है
तभी तो इस जिस्म में अभी तक साँस थोड़ी बाक़ी है