क्या है यह क्षितिज जो फिर मुझे दिख रहा है ?
क्या है यह मेरा भ्रम या सच में कुछ हो रहा है ?
क्या है यह मेरी मंज़िल या है पहला पड़ाव यह ?
क्या है यह समन्दर या अभी तक साहिल चल रहा है ?
क्या आप जानते हैं मुझे मैं ख़ुद से बेख़बर हूँ जो ?
या फिर आपके हाथों से भी सच फ़िसल रहा है ?
क्या है यह क्षितिज जो फिर मुझे दिख रहा है ?
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