यह ज़िन्दगी क्या है–बस चंद साँसों की लड़ी
यह कब टूट जाए, क्या इसका है कोई भरोसा ?
यह जानकर भी इसको ख़्वाबों, अरमानों से लादना
दीवानगी नहीं तो और क्या है ?
यह ज़िन्दगी क्या है–बस चंद साँसों की लड़ी
यह कब टूट जाए, क्या इसका है कोई भरोसा ?
यह जानकर भी इसको ख़्वाबों, अरमानों से लादना
दीवानगी नहीं तो और क्या है ?
सही है
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