मैं हूँ आज़ाद–
आकाश हूँ मैं
मैं हूँ नूर–
आफ़ताब हूँ मैं
मैं हूँ अमृत–
महताब हूँ मैं
मैं हूँ अँधेरा–
रात हूँ मैं
मैं हूँ गहरा–
समन्दर हूँ मैं
मैं हूँ ऊर्जा–
तूफ़ान हूँ मैं
मैं हूँ चंचल–
लहर हूँ मैं
मैं हूँ शीतल–
आब हूँ मैं
मैं हूँ रोष–
ग्रीष्म हूँ मैं
मैं हूँ प्यार–
बरसात हूँ मैं
मैं हूँ संघर्ष–
शीत हूँ मैं
मैं हूँ उमंग–
बहार हूँ मैं
मैं हूँ विश्वास–
बचपन हूँ मैं
मैं हूँ जोश–
जवानी हूँ मैं
मैं हूँ सब्र–
बुढ़ापा हूँ मैं
मैं हूँ रहस्य–
मृत्यु हूँ मैं
मैं हूँ बाहर–
मन हूँ मैं
मैं हूँ अंदर–
धड़कन हूँ मैं
मैं हूँ आधार–
साँस हूँ मैं
मैं हूँ जीवंत–
ब्रह्म हूँ मैं
main hi main hun…….karta bhi main karm bhi main…….bahut khub.
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🙂 Shukriya!
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Main hoon…
Kavita me bahut gahri baat aap keh gaye …..
Kyu ki ham sab ik hi hokar alag alag roop me maujud hai
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Ji!
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मेरा भी कुछ ऐसे ही शेर हैं कि-
के आ जाओ पुराना यार हूँ मैं,
तुम्हारा ही बिगड़ा ख़ुमार हूँ मैं।
गर तुम तसव्वर हो महबूब का,
तो मैं मोहब्बत हूँ प्यार हूँ मैं।
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वाह !
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Mera v blog h kavitaon ka…Ek bar zarror dekhe
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अतिसुंदर
नेहा जी
फालो मी
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Saras
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वाह, अद्भुत, जितनी बार पढ़ता हूँ नया अर्थ आता है
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Bahut sundar rachna hai
https://goo.gl/g35sJC
ब्लॉग साइट पर आपकी टिप्पणियों का इंतज़ार रहेगा
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Shukriya!
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Sooooo good 🙂 loved the way you connected one line to another …
Beautifully written
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Thank you!
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मैं हु विश्वास बचपन हु मै feels
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आप ही आप हैं
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बहुत खूब! कुछ समय पहले मैंने इंग्लिश में लिखी थी एक कविता, I Am!
सोचती हूँ, ये कैसे हो सकता है कि दो अजनबी एक ही जैसे विचार लिख डालें…
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Behad umda
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Achha hai 💓💓
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