क्या है मेरी कोई हस्ती इस तन के सिवा भी ?
मिल जाएगा जिस दिन यह मिट्टी में
तो क्या गुम हो जाऊँगी मैं कहीं ?
क्या है मेरी कोई हस्ती तसव्वुर के परे भी ?
बुझ जाएगी जिस दिन लौ उम्मीद की
तो क्या गुम हो जाऊँगी मैं कहीं ?
क्या है मेरी कोई हस्ती दूसरों के बिना भी ?
अगर कोई न जाने मुझे, न पहचाने मुझे
तो क्या गुम हो जाऊँगी मैं कहीं ?
क्या है मेरी कोई हस्ती ?
क्या है मेरी हस्ती ?
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