डर लगता है January 26, 2018 NehaLeave a comment तसव्वुर कहीं हक़ीक़त न बन जाए, अब इस ख़याल से ही डर लगता है...
आतिश-ए-इश्क़ January 5, 2018January 5, 2018 Neha3 Comments जब आतिश-ए-इश्क़ में यह रूह ही हमारी, दहक-दहककर ख़ाक हो जाएगी एक दिन, तो फिर जहन्नुम का डर किसको है-- जहन्नुम तो महबूब के क़दमों में ही लिखा है ।
एक बेरहम से मोहब्बत December 6, 2017 Neha3 Comments अब तो बस खड़े हैं फ़लक के साए में हाथ फैलाए इस उम्मीद में हम कि शायद बेरहमों से मोहब्बत करने वालों पर ख़ुदा ही रहम फ़रमाएगा ।